tag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post4545305371597638790..comments2023-07-04T07:36:06.107-07:00Comments on कछु हमरी सुनि लीजै: ज्वालापुर की गली में त्रिलोचनडॉ. कमलकांत बुधकरhttp://www.blogger.com/profile/00688929888717058169noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-89480010489272176072008-07-05T10:44:00.000-07:002008-07-05T10:44:00.000-07:00bahut marmik vrittant likha hai jo hamari vartman ...bahut marmik vrittant likha hai jo hamari vartman vyavastha par chot bhi karta hai...Allahabadihttps://www.blogger.com/profile/13539290972628502877noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-40651878071340161412007-12-15T21:35:00.000-08:002007-12-15T21:35:00.000-08:00jwalapur ki galion me sradhay trilochan ji ko dekh...jwalapur ki galion me sradhay trilochan ji ko dekha. mera jaisa agyani patrkaar interview karne gaya tha.lambi beemari ke baad unke chehre per tej gazab ka tha. kaafi puchne per unhone presnt sahitye per kaha & apni peera chupa nehi sake.......unhe mera sat-sat naman....shiva agarwal,editor aviral prawah,haridwarshivahttps://www.blogger.com/profile/17964418237900787430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-15104955273149605032007-12-11T10:05:00.000-08:002007-12-11T10:05:00.000-08:00त्रिलोचनजी कोई स्मृति को नमन।त्रिलोचनजी कोई स्मृति को नमन।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-66727757071739110102007-12-11T02:41:00.000-08:002007-12-11T02:41:00.000-08:00भाई दिलीप मण्डल जी और भाई इरफान जी,मुझे सुधारने क...भाई दिलीप मण्डल जी और भाई इरफान जी,<BR/>मुझे सुधारने के लिए आभार । क्षमा चाहता हूं कि मेरी कलम से असत्यांश लिखे गए। लेकिन मैं तो यहां हरिद्वार में बैठा हूं और कल 10 दिसम्बर 2007 के 'अमर उजाला' में मुख्ापृष्ठ पर शीर्ष में जब यह एक कॉलम समाचार कि, 'गुपचुप चले गए त्रिलोचन' पढा तो तो किंचित क्षोभ हुआ। समाचार का यह हिस्सा कि, '...विडम्बना देखिए, सरस्वती के इस वरद पुत्र के देहांत परकिसी ने इनके घर तक आने की जहमत नहीं उठाई। उनके आखरी समय में मात्र परिवार के सदस्य और पडौसी ही मौजूद थे, जिनकी संख्या भी नाममात्र थी।'<BR/>कुलमिलाकर समाचार जो प्रभाव मन पर छोड रहा था वही मैंने ब्लॉग पर अभिव्यक्त कर दिया। फिर भी मैंने अखबारी अभिव्यक्ति को मैंने अपनी बना लिया इसका दोषी तो मैं हूं ही। इससे किसी को ठेस लगी हो तो मैं क्षमा चाहता हूँ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-14625281686220636172007-12-10T22:35:00.000-08:002007-12-10T22:35:00.000-08:00प्रणाम.त्रिलोचनजी की स्मृति को मेरा भी नमन।प्रणाम.<BR/>त्रिलोचनजी की स्मृति को मेरा भी नमन।बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-54191871074100726672007-12-10T22:29:00.000-08:002007-12-10T22:29:00.000-08:00"कल शाम जब उन्हें अंतिम यात्रा पर ले जाया गया तो ..."कल शाम जब उन्हें अंतिम यात्रा पर ले जाया गया तो गाजियाबाद-दिल्ली का कोई कलमकार, साहित्यकार या पत्रकार मौजूद नहीं था। दस-बीस पडौसियों और नजदीकी रिश्तेदारों के कंधों के रथ पर हिन्दी का यह महारथी स्मशान तक गया और फिर भस्मीभूत हो गया।"<BR/>आपकी ये पंक्तियां भ्रमपूर्ण हैं. कृपया ठीक करें.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-14223694968493788912007-12-10T21:24:00.000-08:002007-12-10T21:24:00.000-08:00कमलकांत जी, त्रिलोचन के अंतिम संस्कार के समय निगमब...कमलकांत जी, त्रिलोचन के अंतिम संस्कार के समय निगमबोध घाट पर कई सौ ऐसे लोग थे जिनका हिंदी से संबंध है। संख्या बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन त्रिलोचन को चाहने वाले वहां थे। तमाम बूढ़े, थरथराते बदन वाले और बरसों से नया न लिखने वाले, लेकिन अकादमियों से लेकर संस्थानों पर कुंडली मारकर बैठे सारे महारथी भी वहां मौजूद थे। हिंदी के स्टार वहां कम थे। इसकी वजह तो शायद ये है कि हिंदी में पिछले तीसेक साल में स्टार बने ही कम हैं। या हिंदी के मठाधीशों और पुस्तकालयों से लिए 500 का प्रिट ऑर्डर छापने वाले प्रकाशकों ने कोई नया स्टार बनने ही नहीं दिय़ा। त्रिलोचन जी जैसा जीवट कितनों में है जिन्होंने सबसे विपरीत परिस्थितियों में सबसे ज्यादा और सबसे अच्छा लिखा? त्रिलोचन इस वजह से याद नहीं किए जाएंगे कि उनके अंतिम संस्कार के समय कौन-कौन मौजूद था।दिलीप मंडलhttps://www.blogger.com/profile/05235621483389626810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-14633442718363182007-12-10T20:41:00.000-08:002007-12-10T20:41:00.000-08:00त्रिलोचनजी की स्मृति को नमन।त्रिलोचनजी की स्मृति को नमन।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-5847294174269682332007-12-10T15:29:00.000-08:002007-12-10T15:29:00.000-08:00बाबा को शत् शत् नमन् । कटु सत्य लिखा आपने । कुछ सम...बाबा को शत् शत् नमन् । कटु सत्य लिखा आपने । कुछ समय पहले हमेशा की तरह एक वर्ग बाबा की बीमारी की बात पर साहित्यकारों से इलाज के नाम पर मदद की टेर लगाता नज़र आ रहा था। हर बार वही नाटक.....क्या उन्हें पैसों की दरकार थी या उसकी जिसकी पूर्ति जीवित रहते होशो हवास में रहते होती तो वो सब लिखने की ज़रूरत नहीं पड़ती जैसी अक्सर श्रद्धाजलियों में आ जाती हैं। दुखी कौन नहीं है, और एक न एक दिन तो सबको जाना ही है। पर समाज को कुछ देने वाले के योगदान की चिन्ता उसके जीतेजी हो जाए तो बेहतर...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-85289275071596138912007-12-10T10:47:00.000-08:002007-12-10T10:47:00.000-08:00नियति यही है कुछ कर जाने वालों की,पहले आलोचना और फ़...नियति यही है कुछ कर जाने वालों की,<BR/>पहले आलोचना और फ़िर चंद कंधे पाने की।<BR/><BR/>श्रद्धांजलि उन्हें!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753666226233455371.post-3014083018492236502007-12-10T10:12:00.000-08:002007-12-10T10:12:00.000-08:00स.पत्रों से यह सूचना मिली थी कि अन्तिम संस्कार १० ...स.पत्रों से यह सूचना मिली थी कि अन्तिम संस्कार १० दिस. को १२ बजे दोपहर को होगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस गलतफ़हमी के कारण साहित्यिक बन्धु न पहुँच पाए हों? क्योंकि सहज ही विश्वास नहीं हो रहा कि इस प्रकार से विदा किया इस नपुंसक हिन्दी समाज ने उन्हें। इस समाज का हिस्सा होने के कारण स्वयम् के प्रति एक धिक्क्कारभाव से ग्लानि में डूब गया है मन!!<BR/><BR/>(http://360.yahoo.com/kvachaknavee)Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.com