रविवार, 27 फ़रवरी 2011

हिन्‍दी ब्‍लॉगर को एक लाख का पुरस्‍कार

मान्‍यवर ब्‍लॉग पाठक,

सादर नमन।

अपनी प्रसन्‍नता में आपको शामिल करके दुगनी प्रसन्‍नता का अनुभव कर रहा हूं। प्रिय अजीत वड़नेरकर, जो आपका प्रिय ब्‍लॉगर मेरा प्रिय भांजा है,की  सर्वथा प्रथम कृति ''शब्‍दों का सफ़र'' है, जोअबराजकमल से प्रकाशित है। उसने अपने माता पिता के साथ ही इस ग्रंथ का प्रथम खण्‍ड मुझे समर्पित किया है। अब अजीत की नई उपलब्धि की यहसूचना प्रस्‍तुत है। यह उपलब्धि हम परिजनों के लिए परम आल्‍हाद का विषय है।

हिन्‍दी ब्‍लॉगर को एक लाख का पुरस्‍कार

राजकमल प्रकाशन द्वारा अपनी साठ साल की प्रकाशन यात्रा के उपलक्ष्‍य में घोषित साठ श्रेष्‍ठ पाण्‍डुलिपियों के लिए साठ लाख रुपए की राशि से स्‍थापित ‘’राजकमल कृति सम्‍मान’’ इस वर्ष भोपाल के लेखक पत्रकार अजीत वड़नेरकर को उनकी पाण्‍डुलिपि ‘’शब्‍दों का सफ़र’’ भाग दो पर दिया जा रहा है। अजीत इस पुरस्‍कार को प्राप्‍त करने वाले दूसरे लेखक हैं। इससे पूर्व 2011 का कृति सम्‍मान श्री पुरुषोत्‍तम अग्रवाल को दिया जा चुका है।   

दैनिक भास्‍कर में स्‍तम्‍भ के रूप में तथा इण्‍टरनेट पर ‘शब्‍दावलि’नामक ब्‍लॉग के रूप में अपनी विशिष्‍ट पहचान बना चुके ‘’शब्‍दों का सफ़र’’ के प्रथम खण्‍ड को राजकमल प्रकाशन दिसम्‍बर 2010 में ही ग्रंथाकार प्रकाशित कर चुका है। अब इसी ग्रंथ के दूसरे खण्‍ड की पाण्‍डुलिपि को एक लाख रुपए की सम्‍मान राशि का ‘हिन्‍दी की शब्‍दसंपदा : विद्यानिवास मिश्र पुरस्‍कार 2011’ नामक यह पुरस्‍कार नई दिल्‍ली के त्रिवेणी सभागार में कल 28 फरवरी 2011 की शाम को दिया जाएगा। इस पुरस्‍कार समारोह में प्रख्‍यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह शब्‍दों की व्‍युत्‍पत्ति और विकासयात्रा पर केन्द्रित शब्‍दों का सफ़र विषय पर व्‍याख्‍यान देंगे।

डॉ. नामवर सिंह के अलावा हिन्‍दी के वरिष्‍ठ आलोचक डॉ. विश्‍वनाथ त्रिपाठी और श्री भाषाविद अरविन्‍द कुमार इस पुरस्‍कार की चयन समिति में शामिल थे।