सोमवार, 1 नवंबर 2010

ओ मेरे अनिकेत

बचपन से सुनते आए थे हम-

कि ‘सबै भूमि गोपाल की’

यानी तुम्हारी है प्रभु !


पर अब तो

तय कर दिया है न्यायपीठ ने

कि तुम्हारा हिस्सा तो सिर्फ

दो तिहाई या एक तिहाई है

दुहाई है राम !

अब तो तुम्हारी ही दुहाई है !!


होगे तुम

दुनिया जहान के मालिक

वेद में, पुरान में।

बाईबिल में, कुरान

में

पर असलियत

तो अब जगज़ाहिर है

मेरे मालिक,


कि तेरे ही इंसान ने

तेरी ही धरती पर

तुझी को

अनिकेत कर दिया है,

और तू तो

हम इंसानों का

सिर्फ एक हथियार है,


सरेआम

यह संकेत कर दिया है !