नया साल है लेकिन प्यारे,
वही पुराना भात,
पुरानी वही दाल है
बस, नया साल है !कैसे इनसे बच पाओगे
वही पींजरे सदा पुरातन
और पुरानें वही जाल है
नया साल है !तलवारें भी वही पुरानी खिंची हुई हैं
अपने हाथों में भी यारों,
टूटी फूटी वही ढाल है
कहने को यह नया साल है !!उसी पुराने कूएं में रह रही मेंढकी
ठुकवाना पर चाह रही वह
नयी नाल है, शायद कोई नयी चाल है
नया साल है !!बेहालों की बढ़ी जमातें इस दुनिया में,
थोडे ही हैं जो खुश हैं,
या जो निहाल है।
नया साल है !!हम पर तो है कृपा प्रभू की,
आप लिखें-
जो उधर हाल हैं, जो खयाल हैं।
नया साल है !!
आप और आपके परिवार पर भी नववर्ष २००९ में प्रभु की असीम कृपा बरसे ! बधाइयों सहित बुधकर परिवार की ओर से स्वीकारें अनेक मंगलकामनाएं !!
संगीता और डॉ. कमलकांत
डॉ. मृणाल और सौरभ
पारुल और पल्लव
कुमारी अपरा, कुमार अथर्व और कुमार अद्वय
1 जनवरी 2009
8 टिप्पणियां:
वही चाल है वही ढाल है
इधर उधर सब तरफ
वही हाल है वही हाल है!
उसी पुराने कूएं में रह रही मेंढकी
ठुकवाना पर चाह रही वह
नयी नाल है, शायद कोई नयी चाल है
नया साल है !!
बिलकुल सही कहा आपने। साते आते हैं चले जाते हैं कुछ भी तो कहीं नही बदलता।
क्योकि हर वस्तु का व्यवसायीकरण हो रही है अत: व्यापारियों ने इसका व्यसायिकरण किया तो यह भी मनाया जाने लगा। इन सबके बावजूद आपको नव वर्ष की शुभकामंनाए ।
उसी पुराने कूएं में रह रही मेंढकी
ठुकवाना पर चाह रही वह
नयी नाल है, शायद कोई नयी चाल है
नया साल है !!
बिलकुल सही कहा आपने। साल आते हैं चले जाते हैं कुछ भी तो कहीं नही बदलता।
क्योकि हर वस्तु का व्यवसायीकरण हो रही है अत: व्यापारियों ने इसका व्यसायिकरण किया तो यह भी मनाया जाने लगा। इन सबके बावजूद आपको नव वर्ष की शुभकामंनाए ।
main bhi soch raha tha ki kuch nae saal par likhoon........par kuch nahi samajh aa raha tha..........aapke vichaar uttam lage.................
नव वर्ष सपरिवार
मँगलमय हो
और आपकी लेखनी यूँही
सच लिखती रहे -
स स्नेह,
- लावण्या
बहुत अच्छी और सच्ची रचना...
आप को भी नव वर्ष की शुभ कामनाएं...
नीरज
बहुत बढ़िया रचना।
सच्ची बात
हर दिन वही हाल है।
नया साल मुबारक हो आपको भी
जै जै
नव संवत्सर शुभाकांक्षा
गए बरस की दहशतगर्दी
ठिठुरन सी भर गई नसों में,
नया बरस
कुछ तो गरमाहट लाए .........
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